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Programming Language क्या होता है | What is Programming Language in hindi

Programming Language एक तरह का लैंग्वेज है जो computers या digital systems में use होता है | इस लैंग्वेज की मदद से हम कंप्यूटर में instructions का एक set तैयार कर सकते हैं जिन्हें हम program कहते हैं | इसी लैंग्वेज से ही कंप्यूटर में सॉफ्टवेयर design एंड code किये जाते हैं | ये कई तरह के होते हैं जिन्हें प्रोग्रामर अपने समझ के हिसाब से प्रोग्राम बनाने में इस्तेमाल करते हैं | सभी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का अपना स्टैण्डर्ड होता है | सभी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के अपने define किये हुए syntax और प्रोग्राम procedure होते हैं जो उस प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में प्रोग्राम कैसे design एवं code करना है ये बताते हैं | आज कल बहुत से प्रोग्रामिंग लैंग्वेज जैसे C, C++, Basic, Java, Python उपलब्ध हैं जिनका इस्तेमाल करके आप कोई प्रोग्राम बना सकते हैं | कंप्यूटर में mainly तीन तरह के लैंग्वेज होते हैं |

(a) Machine Language

(b) Assembly Language

(c) High-Level Language

(a) Machine Language:

machine level language वह लैंग्वेज है जो कंप्यूटर में low level पर work करता है अर्थात बाइनरी level पर work करता है कोई भी instruction 0 और 1 के फॉर्म में होता है इसमें इनपुट और आउटपुट दोनों 0 और 1 के फॉर्म में ही फ्लो होते हैं इसमें कंप्यूटर के कंपोनेंट्स के बीच communication direct होता हैं इसमें किसी दूसरे की मध्यस्थता की जरुरत नहीं पड़ती है |

इस लैंग्वेज में लिखे हुए प्रोग्राम बहुत फ़ास्ट और high performance के होते हैं | इसमें ट्रांसलेटर की आवश्यकता नहीं पड़ती है | इस लैंग्वेज में लिखे हुए प्रोग्राम कंप्यूटर डायरेक्ट समझता है |

इस लैंग्वेज में प्रोग्राम लिखना बहुत कठिन है और बहुत सी गलतियों की गुंजाइश रहती है | इसमें मेमोरी डायरेक्ट manipulate होती है इसलिए हर एक मेमोरी लोकेशन को याद करना पड़ता है जो काफी कठिन है इसमें कोई फंक्शन नहीं होता है इसमें कमांड्स भी कम होते हैं इसमें प्रोग्राम में कोई error आने पर उसको maintain और debug करना बहुत कठिन है इसमें logic design करना कठिन होता है |

(b) Assembly Language:

Assembly language machine language से थोडा higher लैंग्वेज है | इस लैंग्वेज की विशेषता मशीन लैंग्वेज से ज्यादा है | इस लैंग्वेज में कोड मशीन लैंग्वेज की तुलना में अधिक readable और understandable होता है | यह लैंग्वेज एक विशेष प्रकार का terms या symbol use करता है जिन्हें mnemonics कहते हैं ये mnemonics किसी फंक्शन या ऑपरेशन को denote करते हैं चूँकि कंप्यूटर केवल बाइनरी नंबर्स को समझता है इस लिए इसमें एक assembler program होता है जो असेंबली कोड को बाइनरी में कन्वर्ट करता है

इसमें कोड लिखना मशीन लैंग्वेज की तुलना में fast और अधिक efficient होता है इसमें error आने की संभावना मशीन लैंग्वेज की तुलना में कम होता है इसमें कोड की readability अच्छी होती है जिससे errors की संख्या मशीन लैंग्वेज की तुलना में कम हो जाता है

असेंबली लैंग्वेज machine dependent होता है अर्थात किसी कंप्यूटर में असेंबली लैंग्वेज के द्वारा लिखा हुआ प्रोग्राम किसी अन्य कंप्यूटर में जरुरी नहीं की चले | इसमें mnemonics को याद करना कठिन है | इसमें प्रोग्राम लिखते समय mnemonics को अच्छे से arrangement करना कठिन कार्य होता है |

(c) High Level Language:

इस तरह के लैंग्वेज कंप्यूटर के सबसे एडवांस लैंग्वेज होते हैं इसमें syntax काफी कुछ normal लैंग्वेज जैसा होता है इसमें use होने वाले keywords आम भाषा के जैसे ही होते हैं चुंकि इस लैंग्वेज से लिखे हुए कोड डायरेक्ट मशीन से कम्यूनिकेट नहीं करते हैं इसलिए इनको मशीन कोड में convert करने के लिए इन languages में Compilers और Interpreters का use होता है Compilers और Interpreters high level लैंग्वेज को मशीन लैंग्वेज अर्थात बाइनरी कोड में change कर देते हैं | C, C++, Java, C#, Visual Basic, Python High level Language के examples हैं |

चुंकि इसमें लिखे हुए प्रोग्राम को Compilers या Interpreters द्वारा machine code में convert किया जाता है इसलिए इसमें लिखे हुए प्रोग्राम मशीन लैंग्वेज और असेंबली लैंग्वेज की तुलना में slow होते हैं |

इन languages में प्रोग्राम लिखना काफी आसान होता है | इनमे use होने वाले syntax आमभाषा से काफी मिलता जुलतें हैं इसलिए इनको याद करना भी बहुत आसान होता है और इसमें गलतियों की संभावना कम होती है |

Source Code क्या होता है | What is source code

किसी प्रोग्राम को बनाने के लिए computer programmer द्वारा प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का इस्तेमाल करके लिखा हुआ कोड ही source code कहलाता है | इसमें इस्तेमाल किया हुआ programming लैंग्वेज high level language या assembly language हो सकता है | सोर्स कोड मशीन dependent नहीं होते हैं | अर्थात high level लैंग्वेज का इस्तेमाल करके एक कंप्यूटर में लिखे हुए कोड दुसरे मशीन में भी चल जाते हैं | आजकल कई high level लैंग्वेज उपलब्ध हैं जैसे C, C++ जिनको use करके program लिखे जाते हैं |

Object Code क्या होता है | What is object code

high level language से लिखे हुए कोड को Compilers या Interpreters द्वारा convert किया हुआ कोड ही ऑब्जेक्ट कोड कहलाता है सामान्यतः ऑब्जेक्ट कोड ही मशीन कोड होता है | इसमें न केवल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज से related कोड होते हैं बल्कि उनको linker द्वारा अन्य लाइब्रेरी files से कैसे लिंक करके एक executable file या लाइब्रेरी file बनाना है इसका भी इनफार्मेशन इस ऑब्जेक्ट कोड में होता है |

Compiler क्या होता है | What is Compiler

Compiler एक या एक से अधिक कंप्यूटर प्रोग्राम होते हैं जो high level language में लिखे हुए Code को low level लैंग्वेज अर्थात बाइनरी level में convert करते हैं | Compiler द्वारा convert किये हुए कोड Compiled Code या Object code कहलाते हैं | जो high level language अपने source code को machine code में convert करने के लिए Compiler का इस्तेमाल करते हैं उन्हें Compiled language कहते हैं | C, C++, ALGOL, BASIC कुछ compiled language के examples हैं | C++ में इस्तेमाल होने वाले gcc, clang, intel c++ compiler, mingw, LLVM etc कुछ compilers के उदाहरण हैं |

Interpreter क्या होता है | What is Interpreter

Interpreter भी एक या एक से अधिक कंप्यूटर प्रोग्राम होते हैं जो high level language में लिखे हुए code को low level language में convert करते हैं interpreter द्वारा convert किये हुए code interpreted code या object code कहलाते हैं जो high level language अपने source code को machine code में convert करने के लिए interpreter का इस्तेमाल करते हैं उन्हें interpreted language कहते हैं | PHP, Python, Perl, Javascript etc कुछ interpreted language के उदाहरण हैं | Zend Engine, CPython, Perlinterp कुछ interpreter के उदाहरण हैं |

कुछ high level language अपने source कोड को machine code में convert करने के लिए compilers और interpreters दोनों का इस्तेमाल करते हैं इस process में interpreter द्वारा source कोड को डायरेक्ट मशीन कोड में convert नहीं किया जाता है बल्कि पहले उसको Intermediate Code में convert करते हैं फिर उसको compilers को दे दिया जाता है | इस intermediate code को byte code कहते हैं |

Compiler और Interpreter में अंतर | Difference between Compilers and Interpreters

compiler पूरे source कोड को एकबार में ही मशीन कोड में convert कर देता है मशीन कोड में convert करते वक्त compiler हर तरह के errors को भी check करता है source कोड को compiler द्वारा मशीन कोड में convert करते वक्त आये हुए errors को Compiling Error कहते हैं इसमें source कोड line by line मशीन कोड में convert होकर execute नहीं होता है बल्कि पूरा source कोड एकबार में ही मशीन कोड में convert हो जाता है और पूरा कोड एकबार में ही execute होता है इसलिए compiled लैंग्वेज में लिखे हुए प्रोग्राम काफी fast होते हैं |

interpreter में source कोड line by line मशीन कोड या assembly कोड में convert होकर execute होते हैं| इसमें source कोड line by line scan होते हैं इसलिए जिस भी line में error आता है वहां error दिख जाता है इसलिए interpreted लैंग्वेज में debugging आसान होता है चुंकि interpreter line by line program को execute करता है इसलिए compiler की तुलना में इसमें program का execution time ज्यादा होता है |

#Programming Language #Compilers #Assemblers #Source Code #Object code

Computer Virus क्या है | What is Computer Virus in hindi | Computer Virus को कैसे delete करें | How to delete Computer Virus

Computer Virus एक तरह का कंप्यूटर प्रोग्राम होता है जिसे Computer को नुकसान पहुँचाने के लिए बनाया जाता है कंप्यूटर में यह नुकसान कई तरह का हो सकता है जैसे Computer का चालू न होना, Computer का data delete हो जाना, Computer का सही तरीके से काम न करना इत्यादि | जैसे किसी ब्यक्ति के शरीर में वायरस या बैक्टीरिया घुस जाता है और वह व्यक्ति बीमार पड़ जाता है ठीक वैसे ही कंप्यूटर वायरस का कंप्यूटर में आ जाने पर कंप्यूटर भी सही से काम नहीं करता है कंप्यूटर वायरस Computer के अन्दर चल रहे किसी प्रोग्राम को infect कर देते हैं और उस प्रोग्राम के through कंप्यूटर में ही बने रहते हैं|

Types of Computer Virus | Computer Virus के प्रकार

वैसे तो कंप्यूटर वायरस कई तरह के हो सकते हैं | लेकिन उन वायरस के कारण computer का कौन सा हिस्सा और कैसे प्रभावित हो रहा है इसको देखकर इनको कई भागों में बांटा जा सकता है | जो निम्नलिखित है |

Polymorphic Virus

इस तरह के Computer Virus काफी खतरनाक माने जाते हैं | क्योंकि इनसे infected files जब भी run या open होते हैं ये अपने कोड या फिंगरप्रिंट को change कर लेते हैं जिससे Virus Removal Program का इसको सही से detect करके delete करना आसान नहीं होता है |

Multipartite Virus

इस तरह के वायरस कंप्यूटर के कई resources को infect कर देते हैं और वहां अपनी कॉपी बना लेते हैं ये वायरस किसी नेटवर्क में भी चले जाते हैं और इससे जुड़े computers को infect कर देते हैं |

Browser Hijacker

इस तरह के वायरस कंप्यूटर में इन्टरनेट चलाने के लिए use होने वाले सॉफ्टवेयर या प्रोग्राम को infect कर देते हैं | इस software की settings, bookmarks, home page change कर देते हैं | इस सॉफ्टवेयर से कोई वेबसाइट खोलने पर phishing webpage दिखा सकते हैं | किसी malicious page पर redirect कर सकते हैं इसमें save किये गये username, passwords, credit card no, debit card no की जानकारी चुरा सकते हैं |

Web Scripting Virus

इस तरह के वायरस लोकल सिस्टम में नहीं होते हैं ये इन्टरनेट चलाते वक्त कोई malicious website खोलने पर local system पर execute होते हैं वैसे आजकल के वेब browsers में security बहुत होती है जिससे कोई वेबसाइट अपना कोड केवल ब्राउज़र में रन कर पाता है लोकल सिस्टम पर run नहीं कर पाता है |

File Infector Virus

इस तरह के वायरस कंप्यूटर के किसी प्रोग्राम file या सॉफ्टवेयर को infect कर देते हैं | जब भी वह प्रोग्राम run या open होता है वायरस activate हो जाता है यदि वायरस operating system के किसी main प्रोग्राम को infect कर देता है तो जब भी operating system स्टार्ट होता है वायरस activate हो जाता है |

Boot Sector Virus

कंप्यूटर को सही से boot/स्टार्ट करने के लिए computer मेमोरी में boot सेक्टर होता है जहाँ कंप्यूटर के स्टार्ट होते वक्त जरुरी files/data store होता है इस तरह के वायरस इन files को infect कर देते हैं जिससे कंप्यूटर स्टार्ट नहीं होता है या स्टार्ट होने पर भी इसका working normal नहीं होता है |

Direct Action Virus

इस तरह के वायरस किसी working files से attached रहते हैं ये वायरस working files में किसी खास code या कमांड या किसी खास टाइम पर ही execute होते हैं |

Overwrite Virus

इस तरह के वायरस कंप्यूटर के data या किसी प्रोग्राम में change कर देते हैं | normally ये वायरस किसी बाहरी resources के कारण ही आते हैं जैसे किसी e-मेल के through या किसी पेन ड्राइव से आते हैं |

Resident Virus

इस तरह के वायरस कंप्यूटर के मेमोरी में पड़े रहते हैं ये वायरस कंप्यूटर को हमेशा नुक्सान नहीं पहुंचाते हैं ये वायरस डायरेक्ट एक्शन वायरस की तरह ही होते हैं जो किसी खास टाइम या कमांड पर ही activate होते हैं

Macro Virus

इस तरह के वायरस macro programs को infect करते हैं जैसे माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस में एक macro program होता है जो किसी repeated task को बहुत ही आसान बना देता है इस तरह के वायरस macro files को infect कर देते हैं और वह macro file जब भी run होता है वायरस भी साथ साथ execute होता है |

Computer में वायरस है यह कैसे जानें | How to know Virus in my Computer or Sign of Virus in Computer

जब भी कोई Computer किसी Virus से infect होता है तो उस वायरस की वजह से कंप्यूटर में बहुत से लक्षण दिखाई देने लगते हैं | वैसे अलग अलग वायरस की वजह से कंप्यूटर अलग अलग तरह से behave करता है | हम यहाँ वायरस से इन्फेक्टेड कंप्यूटर द्वारा कुछ Show किये गए Errors और Warnings बताने जा रहे हैं जो निम्न हैं |

1- कंप्यूटर का स्टार्ट न होना |

2 – कंप्यूटर का बार बार hang हो जाना या slow चलना |

3 – कंप्यूटर मेमोरी अपने आप Full हो जाना |

4 – Computer की Files का अपने आप delete हो जाना या बहुत सारी नयी files generate हो जाना |

5 – किसी फाइल का अनेकों copies generate हो जाना |

6 – कंप्यूटर का खुद से ही चलना |

7 – कई तरह का साउंड आना |

8 – कोई प्रोग्राम स्टार्ट करने पर उसका स्टार्ट न होना या कोई unusual file को delete करने पर उसका delete न होना |

9 – स्टोर की हुईं files को एक्सेस ना कर पाना |

10 – अपने आप text type और arrow key इधर उधर move करना |

11 – कंप्यूटर का बहुत ज्यादा गर्म हो जाना |

12 – कंप्यूटर का बार बार restart होना या बंद हो जाना |

13 -कंप्यूटर के कई Process/Resources का अपने आप use होना |

कंप्यूटर वायरस से बचने के उपाय | How to Protect Computer from Virus

अपने Computer को वायरस से बचाने के लिए बहुत से उपाय किये जा सकते हैं | यहां कुछ Tips दिए जा रहे हैं जिनको follow करके आप अपने कंप्यूटर को वायरस से infect होने से बचा सकते हैं |

1 – सबसे पहले अपने कंप्यूटर में एक Antivirus Software install करें |

2 – कोई भी रिमूवल मिडिया जैसे Pen Drive/ Flash Drive, CD, DVD, Memory Card, External HDD किसी एंटी वायरस से scan करने के बाद ही उसको इस्तेमाल करें |

3 – कोई भी Modified/Crack Software install न करें या उसको install करने से पहले एंटी वायरस से scan कर लें |

4 – कोई भी Document/Attachment चाहें वह e-mail, whatsapp, telegram कही से भी आया हो उसको एंटी वायरस से scan करें |

5 – किसी अनजान या अजनबी के द्वारा भेजे गए किसी भी link या attachment पर click न करें |

6 – Internet चलाते समय किसी भी suspicious link पर click न करें |

7 – हमेशा song, video या सॉफ्टवेयर उसके authorized वेबसाइट से ही डाउनलोड करें |

8 – अगर कोई वेबसाइट cache और cookies access का permission मांगे तो उस वेब साईट को देख लें कि क्या वह वेबसाइट trusted है |

9 – अगर किसी वेबसाइट में कही भी click करने पर कई सारे पेज एक साथ खुल जाएँ तो तुरंत वेब browser को close कर दें और एंटी वायरस से कंप्यूटर को scan करें |

10 – Computer के Driver Software कहीं से डाउनलोड और इनस्टॉल न करें हमेशा उसके authorized website से ही डाउनलोड करके इनस्टॉल करें |

11 – अपने Computer के Operating System और सारे सॉफ्टवेर को updated रखें |

कैसे जाने कोई file virus है नहीं | How to know file is virus or not

वैसे तो कंप्यूटर में वायरस आते ही कंप्यूटर का behavior बहुत बदल जाता है जिससे पता चल जाता है कि कंप्यूटर में वायरस आ गया है लेकिन कुछ वायरस ऐसे होते हैं जिनका behavior normal होता है लेकिन किसी खास कमांड या टाइम पर ही कंप्यूटर को ख़राब कर देते हैं |

इस तरह के वायरस को पहचान पाना बहुत मुश्किल काम है क्योंकि कई बार हम सिस्टम file को ही वायरस समझ लेते हैं या किसी प्रोग्राम में बग आने पर भी Computer का behavior abnormal हो जाता है जिससे लगता है कि कंप्यूटर में वायरस आ गया है | लेकिन यह कंप्यूटर को restart करने पर ठीक हो जाता है | लेकिन यदि किसी file पर शक हो कि यह कोई suspicious file है तो आप एक वेबसाइट www.virustotal.com है जहाँ आप उस file को अपलोड करके check कर सकते हैं इस वेबसाइट से कई antivirus कंपनीज जुड़ी हुई हैं जो virus detection में मदद करती हैं

कंप्यूटर वायरस कैसे हटायें | how to delete Computer Virus

अगर कोई वायरस किसी प्रोग्राम/प्रोसेस को infect कर देता है तो उस कंप्यूटर का behavior इतना abnormal हो जाता है कि उसमे कोई भी task करना मुमकिन नहीं हो पाता है | लेकिन अगर कोई कंप्यूटर थोड़ा बहुत भी responsive हो तो हम कुछ tips को follow करके उसको अपने कंप्यूटर से delete कर सकते हैं वैसे Normally कंप्यूटर वायरस आसानी से delete नहीं होता है | Virus Removal दो तरह से हो सकता है |

1- Manually

इस तरह से कंप्यूटर से वायरस हटाने के लिए कंप्यूटर का deep knowledge होना जरुरी है फिर भी हम यहाँ कुछ बेसिक technic बताने जा रहे हैं जो आप follow कर सकते हैं |

कोई भी वायरस कंप्यूटर के किसी न किसी program/process/resource से जुड़ा रहता है या उसका अपना process भी होता है जब हम उसको delete करते हैं तो अगर वह program/process Execution में है तो उससे related file delete नहीं होती है इस लिए अगर किसी तरह program/process का execution रोक दें तो उससे related file को delete किया जा सकता है इसके लिए हम कंप्यूटर के प्रोग्राम task manager का use कर सकते हैं कंप्यूटर में Ctrl + shift + Esc key press करने पर task manager खुल जाता है | यहाँ कंप्यूटर में चल रहे सारे प्रोग्राम/process दिख जाते हैं यहाँ से उनको बंद भी किया जा सकता है | इस तरह से वायरस से infected प्रोग्राम/process को close करके हम वायरस से infected file को delete कर सकते हैं

2 – किसी Antivirus Software से

इसमे antivirus सॉफ्टवेयर अपने आप वायरस को डिटेक्ट करके उसको delete कर देता है antivirus सॉफ्टवेयर का use करने का बड़ा फायदा यह है कि यह वायरस का कंप्यूटर को infect करने से पहले ही उसको डिटेक्ट कर लेता है जिससे वायरस कंप्यूटर में एंट्री ही नहीं ले पाता है | यहाँ कुछ antivirus सॉफ्टवेयर के नाम दिए गए हैं जो आप अपने कंप्यूटर में install कर सकते हैं –

1- Quick Heal

2 – avast

3- kaspersky

4 – antimalware

5- Windows defender

#Computer #Virus #Software #Delete Virus

How To Take Screenshot in Windows 11 | Windows 11 में स्क्रीनशॉट कैसे लें |

कई बार कंप्यूटर चलाते समय हमें screenshot लेने की जरुरत पड़ जाती है | Windows 11 में स्क्रीनशॉट लेने के कई तरीके होते हैं | आज हम विंडोज 11 में स्क्रीनशॉट कैसे लें | यह बताने जा रहे हैं | इसको हमने methods में बाँट रखा है किसी भी method का use करके आप windows 11 में screenshot ले पायेंगे |

Method1: Shortcut Key Use करके |

Windows 11 में कई तरह के Shortcut keys होते हैं जिनका Use करके आप कोई भी काम बहुत जल्दी ख़त्म कर सकते हैं | windows 11 में screenshot लेने के लिए Keyboard के Print Screen(PrtSc) Key का Use कर सकते हैं | नीचे अलग -2 सिस्टम जैसे Desktop Pc, Laptop के लिए shortcut Keys दीं गई हैं |

For Laptop ——> 1. अगर PrtSc Key function key के साथ Use हो | Windows Key + Fn + PrtSc Key
2. अगर PrtSc Key बिना Function Key साथ Use हो | Windows Key + PrtSc Key
For Desktop —–> Windows Key + PrtSc Key

Method 2: Snipping Tool का Use करके |

Method 1: Shortcut Key से Snipping Tool Open करके |

Snipping Tool Open करने के लिए आप Shortcut Key Use कर सकते हैं| यह shortcut key windows 7, windows 8.1, windows 10 , windows 11 सभी में काम करता है |

Shortcut Key ————-> Windows Key + Shift + S

ऊपर दिए गए keys को press करने पर Snipping Tool open हो जाता है और यदि Windows10 और windows 11 है तो ऊपर चार आप्शन आते हैं |

1-Rectangular Snip

इस option को select करने पर Screen पर rectangle draw करने का आप्शन आ जाता है इस draw किये गए rectangle के अन्दर के items का screenshot हो जाता है |

2-FreeForm Snip

इस option का use करके स्क्रीन के किसी भी Irregular area का स्क्रीन शॉट ले सकते हैं |

3-Window Snip

इस option का use करके multiple screenshot एक साथ ले सकते हैं |

4-Fullscreen Snip

इस option का use करके Fullscreen का स्क्रीनशॉट ले सकते हैं |

Method 2: Open Snipping Tool Manually

( In Windows 7 )
Start Button > All Program Files > Accessories > Snipping Tool
( In Windows 10 ) & ( In windows 11 )
snip & sketch in windows 10

इसमें start button पर click करने पर Program List खुल जाता है जिसमे Snip & Sketch पर click करें | Snipping Tool Open हो जायेगा |

अब अपने Use के हिसाब से स्क्रीन शॉट ले सकते हैं |

How to view saved WiFi Password in Windows 11 | विंडोज 11 में saved wifi password कैसे देखें |

अपने computer में जब हम किसी wifi के through इन्टरनेट चला रहे हों और अगर उस wifi का पासवर्ड किसी को बताना हो और याद न हो तो हम अपने कंप्यूटर में ही उस wifi का पासवर्ड देखकर बता सकते हैं | विंडोज 11 में user interface नया होने के कारण बहुत से लोगो को यह समझ नहीं आ रहा है कि Windows 11 में save किये हुए wifi पासवर्ड को कैसे देखें | विंडोज 11 में wifi पासवर्ड देखने के लिए काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है | जब आपको saved wifi का पासवर्ड देखना हो तो हमारे बताये हुए steps को follow करके आप saved wifi का password देख सकते हैं |

Right click on start button > Settings > Network & Internet > Advanced network settings > More network adapter options > select wifi and click on View status of this Connection > wireless properties > Select security tab and click on Show Characters

Method 1:

step 1: Start Button पर mouse का arrow ले जाकर right click करें |

step 2: अब Settings options Select करें |

step 3: अब settings का window open हो जाएगा |

step 4: इसमें network & internet option को select करें |

step 5: अब network & internet के window में advanced network settings को select करें |

step 6: अब खुले हुए नए window में more network adapter options को select करें |

step 7: अब खुले हुए window में आपके wifi का adapter या wifi दिख रहा होगा | अब इसमें अपने wifi को select करके ऊपर दिख रहे view status of this connection पर click करें |

step 8: अब खुले हुए window में wireless properties पर click करें |

step 9: अब नए खुले हुए window में security tab पर click करें |

step 10: अब window में दिख रहे show characters checkbox पर click कर दें| इससे saved wifi password दिख जाएगा |

Method 2:
( If Viewby set “Category” in Control Panel ) Control Panel > View Network Status and Tasks > Select wifi near Connections > Wireless Properties > Select Security Tab > Choose Show Characters
( If Viewby set “Large Icons”) Control Panel > Network and Sharing Center > Select wifi near Connections > Wireless Properties > Select Security Tab > Choose Show Characters

step 1: Taskbar के search में control panel टाइप करें |

step 2: अब आये हुए ऊपर result में control panel पर click करें | जिससे control panel का window open हो जाएगा |

step 3: अब इसमें अगर Viewby -> Category सेट हो तो view network status and tasks पर click करें | और अगर viewby -> Large icon सेट हो तो network and sharing center पर click करें|

if viewby “category”
if viewby “Large Icons”

step 4: अब खुले हुए window में connections label के पास wifi और network का नाम दिख रहा होगा जिसपर click कर दें|

click on wifi option

step 5: अब wireless properties पर click कर दें |

click on wireless properties

step 6: अब खुले हुए नए window में security tab को select करके view characters checkbox पर click कर दें | इससे wifi का password दिख जाएगा |

click on security tab

# WIFI #PASSWORD #wifi password #windows 11 #windows 10 #Internet #Wifi Password

Shortcut Keys in Windows 11 | Windows 11 में इस्तेमाल किये जाने वाले Shortcut Keys

जब से विंडोज का नया Version Windows 11 आया है इसके User Interface का Windows 10 और Windows 7 से बहुत अलग होने के कारण लोगो को इसको चलाने में बहुत दिक्कत हो रही है | आज कल जितने भी नए कंप्यूटर या लैपटॉप आ रहे हैं उनमे Windows 11 रह रहा है | इसलिए हम आपको Windows 11 में Use होने वाले कुछ Shortcut बताने जा रहे है | Shortcut Keys Use करने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि Time की बचत होती है और कोई भी काम बहुत Fast होता है | Shortcut Keys का उपयोग करके आप Windows 11 में कोई भी task आसानी से कर पाएंगे | Shortcut Keys को हमने Category Wise रखा है जिससे आपको Shortcut Keys का उपयोग करने में आसानी हो |

Windows 11 में Windows Key के साथ Use होने वाले Keyboard Shortcut Keys :
Details Shortcut Keys
Settings Window Open करने के लिए |Windows Key + I
Quick Setting Panel (Wifi, Bluetooth, Airplane Mode & More) Open करने के लिए |Windows Key + A
Desktop को Show या Hide करने के लिए |Windows Key + D
File Explorer को Open करने के लिए |Windows Key+ E
Settings के About Page को Open करने के लिए |Windows Key + Pause
Computer को Lock करने के लिए |Windows Key + L
सभी Windows को Minimize करने के लिए |Windows Key + M
सभी Windows को Restore करने के लिए |Windows + Shift + M
Windows Search Open करने के लिए |Windows Key + S
Screenshot या Snipping Tool Open करने के लिए |Windows Key + Shift + S
Virtual Windows के बीच Screen Switch करने के लिए Windows Key + Tab
Taskbar में अलग अलग options पर Move करने के लिएWindows Key + T
Windows 11 में Windows Key के साथ Use होने वाले Keyboard Shortcut Keys
Windows 11 में Regular Use होने वाले Keyboard Shortcut Keys :
किसी Open Page या Window में Menu bar Active करने के लिए Alt
किसी Window , Page या Document में सभी को Select करने के लिए Ctrl + A
किसी Selected text या item को Delete करने के लिए Ctrl + D/Delete
किसी Selected text या item को Cut करने के लिए Ctrl + X
किसी Selected text या item को Copy करने के लिए Ctrl + C
किसी Selected text या item को Paste करने के लिए Ctrl + V
Undo करने के लिएCtrl + Z
Redo करने के लिएCtrl + Y
किसी File या Folder का नाम Change या Edit करने के लिए F2
File Explorer में address bar Select करने के लिए F4
Active Window या Page को Refresh करने के लिए F5 or Ctrl + R
किसी web browser में cached page को फिर से शुरू से Reload करने के लिए Ctrl + F5
Active Window या Desktop पर अलग अलग sections पर जाने के लिए F6
Active Window या Page में Menu Bar Active करने के लिए F10
Active Window या Page में Shortcut Menu Open करने के लिए Alt + Spacebar
Selected Item का Shortcut/Context Menu Open करने के लिए Shift + F10/Mouse Right Click
किसी Window को Close या Computer Shutdown करने के लिए Alt + F4
किसी Active Page को Web Browser में Close करने के लिए Ctrl + F4
Search Bar Open करने के लिए Ctrl + E
किसी चलते हुए task को रोकने या abort करने के लिए Esc
किसी Active Window या Page में अलग अलग Options पर Move करने के लिए Tab
किसी Active Window या Page पर Move हुए पिछले option पर back जाने के लिए Shift + Tab
किसी Active Window में अलग अलग Page पर Switch करने के लिए Ctrl + Tab
Active List में Items देखने के लिएF4 or Spacebar
Full Screen करने के लिए F11
नया Folder बनाने के लिए Ctrl + Shift + N
किसी Selected File या Folder का Properties देखने के लिए Alt + Enter
Preview Panel Show कराने के लिए Alt + P
Windows 11 में Regular Use होने वाले Keyboard Shortcut Keys

#Shortcut Keys #Windows 11

गूगल क्रोम में Your Connection is not Private या NET:ERR_CERT_AUTHORITY_INVALID को कैसे हटाये |

जब हम अपने कंप्यूटर में Windows 7 या Windows का Old Version Operating System उपयोग करते हैं तो internet चलाने के लिए उसमे Internet Explorer Software inbuilt होता है लेकिन आज कल कि काफी वेबसाइट में नए फीचर होने के कारण वो Internet Explorer में सपोर्ट नहीं करती हैं इस लिए हम अपने कंप्यूटर में गूगल क्रोम सॉफ्टवेयर install करते हैं | गूगल क्रोम काफी popular और अच्छा ब्राउज़र सॉफ्टवेयर है इसमें इन्टरनेट काफी fast चलता है | और साथ ही google के कई सॉफ्टवेयर का सपोर्ट भी इसमें मिल जाता है | जब हम गूगल क्रोम का old version किसी पुराने ऑपरेटिंग सिस्टम में install करते हैं तो कभी कभी कोई भी वेबसाइट ओपन करने पर Your Connection Is Not Private या net:err_cert_authority_invalid लिखा हुआ पेज पर आता है जिसे हमेशा हटाना पड़ता है जो काफी टाइम waste करता है | यह Error या यूँ कहें कि यह message क्यों आता है | आइये जानते है कि इसके कारण और इसको permanently हटाने का तरीका –

Cause :-

Google Chrome में जब हम कोई वेबसाइट ओपन करते हैं तो Data Transmission Encrypted होता है अर्थात वेबसाइट का Data ठीक उस तरह नहीं होता जैसे वेबसाइट पर दिखता है यह परिवर्तित डाटा होता है Google Chrome में यह डाटा आने के बाद Decrypt होता है अर्थात जैसे वेबसाइट में डाटा है ठीक उसी तरह के data में change किया जाता है इस प्रक्रिया में एक Security Certificate Use होता है जिसे SSL Certificate कहते हैं जब यह Certificate या Software पुराना हो जाता है तो जब भी गूगल क्रोम में कोई वेबसाइट खोलते हैं तो यह त्रुटी दिखता है | हालाँकि Google Chrome में इस तरह का Certificate Error आने के कई कारण हो सकते हैं जैसे Google Chrome का सही से Operating System के साथ work ना करना या Google Chrome old version का होना भी होता है |

Solution :-

Google Chrome में आने वाले इस तरह के Errors को हटाने के कई तरीके हो सकते हैं | यहाँ दिए गए कुछ Tips का Use करके आप Google Chrome से इस पेज को हमेशा के लिए हटा सकते हैं |

1- सबसे पहले अपने गूगल क्रोम को अपडेट करें |
google chrome version 107 about page

Google Chrome को अपडेट करने के लिए web address bar में chrome://settings/help type करें फिर enter key press करें | अब आपके सामने गूगल क्रोम का about page आ जायेगा जिसमे क्रोम का version लिखा होगा और यहीं पर अपडेट का आप्शन भी होगा जिससे आप अपने सॉफ्टवेयर को अपडेट कर सकते हैं | हमेशा क्रोम का updated version ही use करना चाहिए |

2- अपने विंडोज को अपडेट करें |

कुछ Old Windows 7 Version में गूगल क्रोम install करके इन्टरनेट चलाने पर Certificate Error show होता है चाहे गूगल क्रोम latest version का ही क्यों ना हो | यह Error विंडोज के तरफ से भी हो सकता है | इसके लिए माइक्रोसॉफ्ट ने एक patch(update)(Windows6.1-KB3004394-v2-x64) दिया था

जो आप यहाँ से download कर सकते हैं ध्यान रहे यह patch file केवल windows 7 के 64-bit System में काम करेगा |

आप यह patch windows 8.1 के लिए भी download कर सकते हैं अब पैच को install करके Google Chrome को restart करें |

2- गूगल क्रोम की कैश मेमोरी को clear करें |

गूगल क्रोम में एक कैश मेमोरी होती है जो इन्टरनेट से आने वाले data को कैश करके अर्थात स्टोर करके रखती है कभी कभी इस मेमोरी के वजह से भी Certificate Error आता है इस लिए google chrome में settings को open करें

Google chrome version 107 settings page

अब इसमें privacy and security option को select करें |

privacy tab in google chrome version 107

अब clear browsing data option पर click करें और क्लियर बटन पर क्लिक कर दें|

clear browsing data window in google chrome version 107

इसके लिए आप keyboard में Ctrl + Shift + Del Key press करके भी ओपन कर सकते हैं |

अपने ब्राउज़र के कूकीज और कैश मेमोरी को clear करके Google Chrome को Restart करें |

3- System Clock सही करें |

सबसे पहले कंप्यूटर की घड़ी check करें | कई बार कंप्यूटर का घड़ी सही नहीं होने पर भी इस तरह का Error आता है इसके लिए सबसे पहले अपने कंप्यूटर का Clock Sync करें |

clock settings

इसके बाद गूगल क्रोम ओपन करें और यह देखे कि क्या यह error solve हो गया है |

4- अपने System का SSL State Clear करके |

कंप्यूटर में भी SSL Certificate होता है जो कैश मेमोरी में सेव रहता है जिसकी वजह से भी गूगल क्रोम में Browsing करने पर Certificate Error show हो सकता है इसको Windows में क्लियर करने के लिए सबसे पहले Control Panel Open करें

control panel

फिर इसमें Internet Options Open करें

internet options

इन्टरनेट आप्शन ओपन करके content tab select करें |

content tab in internet option

Clear SSL State Button show हो रहा होगा इस पर क्लिक कर दें | अब गूगल क्रोम ओपन करके देख लें कि क्या certificate error आ रहा है |

5- SSL Server Test :-

कभी कभी Google Chrome में Certificate Error किसी विशेष वेबसाइट को Open करने पर ही आता है इसका कारण यह है कि website के server में installed SSL Certificate Expired हो जाता है | यह Error वेबसाइट कि तरफ से होता है इसको जांचने के लिए बहुत सारी websites हैं जो SSL Certificate Test करती हैं

server ssl certificate check website

यहाँ पर जाकर उस विशेष वेबसाइट का SSL Certificate का Validation check कर सकते हैं |

Top 5 Free Software Download Website

Software Download करने के लिए इन्टरनेट पर बहुत सी websites हैं लेकिन maximum वेबसाइट से डाउनलोड किया हुआ सॉफ्टवेर वायरस से इन्फेक्टेड होता है या सॉफ्टवेयर डाउनलोड करने के बाद उसको कैसे कंप्यूटर में इनस्टॉल करें यह समझ नहीं आता है | आप यहाँ दी गई वेबसाइट से सॉफ्टवेयर डाउनलोड कर सकते हैं और इनस्टॉल पर भी कर सकते है

कभी कोई सॉफ्टवेयर डाउनलोड करना हो तो सबसे पहले उस सॉफ्टवेयर के ऑफिसियल वेबसाइट से डाउनलोड करना चाहिए | बहुत सारी software company अपने software का free version भी देती हैं | और कई software freeware होता है यहाँ कुछ popular software के official website का लिस्ट है जो आप visit कर सकते हैं

(a) www.videolan.org

(b) www.win-rar.com

(c) www.whatsapp.com

(d) www.ccleaner.com

(e) www.avast.com

1. www.Filehippo.com

इस वेबसाइट पर free software का collection है यहाँ से सॉफ्टवेयर डाउनलोड करने का बड़ा फायदा ये है कि अलग अलग सॉफ्टवेयर डाउनलोड करने के लिए अलग अलग websites पर नहीं जाना पड़ता है और यहाँ लगभग कंप्यूटर में आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले सारे सॉफ्टवेयर मिल जाते हैं | इस वेबसाइट में software category wise रखे गए हैं जिससे कोई सॉफ्टवेयर ढूढने में दिक्कत नहीं होती है | और यहाँ के सॉफ्टवेयर पहले से ही anti virus से scan किये हुए होते हैं |

2. www.Filehorse.com

ये वेबसाइट भी फ्री सॉफ्टवेयर का कलेक्शन रखता है | इस वेबसाइट में सॉफ्टवेयर का डाउनलोड लिंक होने के साथ साथ सॉफ्टवेर का इस्तेमाल कैसे करना है इसका भी video tutorials मिल जाता है इस वेबसाइट में हर एक software का लिंक updated होता है जिससे कि download किया हुआ सॉफ्टवेयर भी updated or latest version का होता है |

3. www.getintopc.com

अगर किसी software का paid या premium version चाहिए तो ये वेबसाइट सबसे top पर है क्योंकि यहाँ पर लगभग सारे सॉफ्टवेयर का crack version मिल जाता है लेकिन यहाँ से डाउनलोड किया हुआ सॉफ्टवेयर थोडा risky होता है क्योंकि सॉफ्टवेयर का crack बनाने के लिए उस सॉफ्टवेयर में कुछ modification होता है जो सॉफ्टवेयर में Bug ला सकता है या उसमे मैलवेयर हो सकता है | इस वेबसाइट से सॉफ्टवेयर download करना बहुत ही आसान है ये वेबसाइट किसी भी third party website पर redirect नहीं करता है और डाउनलोड लिंक भी आसानी से मिल जाता है इस वेबसाइट में software install करने का tutorial भी दिया गया होता होता है जिसे देखकर आप कंप्यूटर में सॉफ्टवेयर install कर सकते हैं |

4. www.sourceforge.net/

इस वेबसाइट में open source के लगभग सारे सॉफ्टवेयर मिल जाते हैं यहाँ पर सॉफ्टवेयर के बारे में बहुत सारी जानकारी मिल जाती है | यह वेबसाइट सॉफ्टवेयर developers के लिए भी बहुत काम का है | यहाँ पर फ्री सॉफ्टवेयर के अलावा developers के लिए कई तरह के टूल्स भी उपलब्ध हैं | इस वेबसाइट में open source सॉफ्टवेयर मेकर्स का बहुत बड़ा कम्युनिटी है जो सॉफ्टवेयर को कैसे use करना है इसकी जानकारी मिल जाती है | और अगर किसी सॉफ्टवेयर में किसी तरह का error या त्रुटी आती है इसका भी solution मिल जाता है |

5. www.softpedia.com

यह software कलेक्शन का सबसे बड़ा वेबसाइट है | इससे प्रति दिन लाखों सॉफ्टवेयर डाउनलोड किये जाते हैं | इस वेबसाइट में हर तरह के सॉफ्टवेयर जैसे कंप्यूटर , मोबाइल के उपलब्ध हैं | इस वेबसाइट से डाउनलोड किये हुए सारे सॉफ्टवेयर anti virus से पहले से ही स्कैन किये हुए होते हैं जिससे मैलवेयर या एडवेयर आने कि संभावना नहीं रहती है | इस वेबसाइट में डाउनलोड लिंक भी आसानी से मिल जाता है जिससे सॉफ्टवेयर डाउनलोड करना आसान हो जाता है |

Note: जब भी आप software download करने के लिए किसी website को visit करें | सबसे पहले उस वेबसाइट में यह देख लें कि उस वेबसाइट में malicious link तो नहीं है इन लिंक कि वजह से कई बार adware या मैलवेयर कंप्यूटर में इनस्टॉल हो जाते हैं

Windows 10 में HDD/SSD का Storage Capacity जाने |

Step :
1. Start Button पर माउस का arrow ले जाकर Right Click करें |
Step 1
2. अब खुले हुए डायलॉग बॉक्स में Disk Management Option Choose करें |
Step 2
3. अब Disk Management Utility Open हो जाएगा |
Step 3
4. इसमें Disk 0 का साइज़ GB (Memory Unit) में लिखा होगा जो Hard Disk/SSD का Memory Capacity होगा |
Step 4
Note: कभी भी Memory Device की Memory Capacity उसपे अंकित Memory के बराबर Show नहीं होता है क्योंकि कुछ सॉफ्टवेयर के कॉम्पोनेन्ट Device का कुछ Space Occupy कर लेते हैं जो उस Device को चलाने के लिए होते हैं इसी लिए 1 TB(1024 GB) का HDD का साइज़ 931.51 GB दिख रहा है |